Monday, August 25, 2014

भारत का इतिहास एक कैसे हो सकता है ?

भारत का इतिहास एक कैसे हो सकता है ?

भारत के तो कई इतिहास होंगे .

राजाओं का एक इतिहास होगा 
उनके दासों का दूसरा इतिहास होगा 
.
महाजनों का एक इतिहास होगा .
मजदूरों का दूसरा इतिहास होगा .

एक ब्राह्मणों का इतिहास होगा .
दूसरा शूद्रों का इतिहास होगा .

आप जो कह देते हैं न कि ये भारतीय इतिहास है
और आप बस उसमे राजाओं की और ब्राह्मणों के लिखे ग्रंथों जैसे वेद या गीता
की ही बात कर के इतिहास पर पूरी बातचीत ही खतम कर देते हैं

ये एक ही इतिहास में सब को लपेटना असल में आपकी एक चालाक हरकत है

इसी तरह भारत की कोई एक परम्परा भी नहीं है
आप जो कहते हैं न कि यह हमारी भारतीय परम्परा है

ऐसी कोई एक परम्परा होती ही नहीं है

भारत में लाखों समुदायों की अपनी अपनी अलग परम्पराएं हैं

राजाओं और ब्राह्मणों की परम्परा को
भारतीय परम्परा मान लेने का मतलब है

भारत की आदिवासियों
मेहनतकश जातियों
किसानों की परम्पराओं को मिटा देना

और उन्हें आज भी महत्वहीन कर देना

ताकि वे आज की राजनीति और आज की नई आर्थिक
प्रक्रिया में शामिल न होने पायें .

इसलिए जब ये संघी
भारतीय परम्परा
भारतीय इतिहास
और भारतीय संस्कृति की
बड़ी बड़ी बातें बनाएँ
तो इनसे पूछना
कि आप किस भारत की बात कर रहे हैं
लूटेरे राजाओं और ब्राह्मणों के भारत की संस्कृति की

या
मेहनतकश आम आदमी के इतिहास और उस मेहनतकश की संस्कृति की ?

1 comment:

  1. बहुत सटीक एवं विचारनीय विन्दुओं पर आपने प्रश्न उठाया !
    क्या कहते हैं ये सपने ?
    Happy Birth Day "Taaru "

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