Thursday, July 24, 2014

भूले से भी इस गलतफहमी में न रहना कि ये बेईज्ज़ती मुसलमान की है

मेरे दोस्त तुम्हारी बनायी हुई रोटी को उसने तुम्हारे मुंह में ठूंस दिया 
उसका इरादा तुम्हारा पेट भरना नहीं बल्कि तुम्हे तुम्हारी औकात बताने का था 

मायूस ना होना साथी 
इस मुल्क में तुम जैसे मेहनत कशों के साथ 
सदियों से यही सब तो हो रहा है 

ये वो मुल्क है जहां औरतों के मुंह में डायन बता कर 
इंसान की टट्टी भर दी जाती है 

ये वो मुल्क है जहां बड़ी ज़ात वालों के घर के सामने से
निकलते समय मेहनतकश जात के लोगों को अपने जूते अपने सर पर रख कर गुज़रना पड़ता है

असल में तुम्हारे मुंह में बेईज्ज़ती की ये रोटी सत्ता ने भरी है
तुम्हारी लड़ाई इस सत्ता से है मेरे मेहनतकश दोस्त

तुम्हारी बेईज्ज़ती का बदला बेशक लिया जाएगा साथी ,तैयारी शुरू करो ,
हर बेईज्ज़ती का बदला लिया जाएगा
सदियों की बेईज्ज़ती का बदला अभी बाकी है दोस्त

भूले से भी इस गलतफहमी में न रहना कि ये बेईज्ज़ती मुसलमान की है
इस गलतफहमी से तो ये लड़ाई रास्ता भटक जायेगी
ये लड़ाई करोड़ों मेहनत कशों की है

मेहनत की लूट में हिंदू भी शामिल हैं और मुसलमान भी
लेकिन हम मेहनत कशों की बस एक ही ज़ात है
वो है हमारा मेहनत करने के बाद भी गरीब होना

हम इस सत्ता और पैसे की ताकत के इस किले को जल्द ही गिराएंगे दोस्त
फिर हर मुंह में इज्ज़त का निवाला होगा बेईज्ज़ती की रोटी नहीं

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