Friday, October 19, 2012

सीता हारेगी तो कौन जीतेगा ? नक्सली या सरकार ?

सीता की उम्र लगभग सत्रह साल ! शाम को अपने घर में बर्तन साफ़ कर रही थी! तभी सलवा जुडूम और सुरक्षा बलों ने गाँव पर हमला बोल दिया ! 
गाँव के लोग जान बचाने के लिये जंगल की तरफ भागने लगे ! सीता के माँ बाप भी घर पर ही थे ! तभी चार एस पी ओ ( विशेष पुलिस अधिकारी ) ने सीता के घर पर धावा बोल दिया ! एक पुलिस अधिकारी ने सीता की चोटी पकड़ी और घर के भीतर ले कर जाने के लिये घसीटने लगा ! सीता के माता पिता ने बेटी क
ो बचाने की कोशिश की ! दो पुलिस अधिकारियों ने सीता के माँ बाप को बन्दूक के कुंदे से मार कर गिरा दिया ! एक पुलिस अधिकारी ने सीता को पशु की तरह कंधे पर उठा कर घर के भीतर ले जाकर पटक दिया ! चारों पुलिस अधिकारियों ने दरवाजा भीतर से बंद कर लिया ! बूढ़े माँ बाप दरवाजा पीट पीट कर अपनी बेटी को छोड़ देने की प्रार्थना करते रहे !
चारों पुलिस अधिकारियों ने सीता से बलात्कार करने के बाद ! सीता के कान और नाक में पहने नथ और कुंडल खींच लिये ! सीता के पिता ने बैल खरीदने के लिये दस हज़ार रूपये भी घर में पेटी में रखे थे ! पुलिस अधिकारियों ने वो रूपये भी लूट लिये ! इसके बाद सीता को ज़मीन पर पड़ा छोड़ कर चारों पुलिस अधिकारी अपने अन्य साथियों के साथ दूसरे आदिवासियों के घरों में लूटपाट करने चल दिये !
सीता हिम्मती लड़की थी !उसने अगले दिन अपने पिता से कहा कि मैं इस घटना की शिकायत थाने में कराऊंगी और इन चारों को सजा दिलवाऊंगी ! सीता थाने पहुँची ! सीता से बलात्कार करने वाले बलात्कारी थाने में ही थे ! वे चारों बलात्कारी पुलिस अधिकारी सीता को देख कर थानेदार के पास कुर्सियों पर आ कर बैठ गये ! सीता ने अपने साथ घटी बलात्कार की घटना के बारे में थानेदार को बताया ! थानेदार हँसने लगा उसके साथ चारों बलात्कारी भी हँसने लगे ! थानेदार ने कहा जल्दी यहाँ से भाग जा नहीं तो दुबारा बलात्कार हो जाएगा !
सीता और उसके पिता वापिस आ गये ! सीता नी हार नहीं मानी उसे कही से हमारे बारे में पता चला ! सीता हमारे आश्रम आयी ! हमने सीता की शिकायत पुलिस अधीक्षक को भेजी ! पुलिस अधीक्षक ने कार्यवाही तो दूर महीने भर तक कोई जवाब भी नहीं दिया ! फिर हम कोर्ट में गये ! कोर्ट ने चारों आरोपी विशेष पुलिस अधिकारियों को अपना पक्ष रखने के लिये समन भेजा ! ये चारों आरोपी नहीं आये ! कोर्ट ने इन चारों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया ! इन् चारों के नाम हैं किच्चे नंदा जो पुलिस अधीक्षक का बाडी गार्ड है दूसरा है विजय जो कोंटा ब्लाक कांग्रस का अध्यक्ष है ! मंगल और राजू पुलिस अधिकारी हैं और वे भी थाने की भीतर ही रहते हैं !
सरकार ने कोर्ट में कहा कि ये चारों विशेष पुलिस अधिकारी फरार हैं और निकट भविष्य में इनके मिलने की कोई आशा भी नहीं है ! अदालत ने केस को अभिलेखागार में बंद कर के रखने का आदेश दे दिया !
इधर मैं दिल्ली आकर गृह मंत्री श्री चिदम्बरम से मिला और उन्हें दंतेवाड़ा आकर आदिवासियों की शिकायतें सुनने का सुझाव दिया ! चिदम्बरम को मैंने एक सीडी भी सौंपी जिसमे इस बलात्कार कांड का भी ज़िक्र था !
श्री चिदम्बरम के दंतेवाड़ा आकर सीता से मिलने के दो सप्ताह पहले बलात्कारी पुलिस अधिकारी पूरे पुलिस दल बल के साथ सीता के गाँव में आये और सीता और उसकी तीन और बलात्कार पीड़ित सहेलियों समेत उठा कर थाने ले आये ! थाने में फिर से वही बलात्कारों का दौर शुरू हुआ जो पांच दिन चलता रहा ! इस बार थाने में इन्हें पीटा भी गया और पांच दिन तक खाना नहीं दिया गया !
सीता के गाँव से मुझे फोन आया ! मैंने श्री चिदम्बरम को , देश के गृह सचिव को , छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को , छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को , दंतेवाड़ा के कलेक्टर को और पुलिस अधीक्षक को फोन पर सूचना दी ! मैंने प्रार्थना की कि इन लड़कियों को बचा लीजिए !
लेकिन किसी ने इन लड़कियों को नहीं बचाया !
पांच दिन बाद सीता और उसकी तीन सहेलियों को पुलिस ने वापिस लाकर गाँव के चौराहे पर फेंक दिया और गांव वालों को चेतावनी दी कि अब अगर किसी ने हिमांशु से बात की तो पूरे गाँव को आग लगा देंगे !
इसके बाद मैं सीता और उसकी सहेलियों से मिलने उनके गाँव पहुंचा ! पुलिस विभाग ने मेरे पीछे एक जीप भर कर पुलिस वाले लगा दिये !
गाँव वालों ने रोते हुए हाथ जोड़ कर कहा मैं वापिस चला जाऊं , उन्हें अब मेरी और मदद नहीं चाहिये !
ये बलात्कारी अभी भी खुले आम नए गावों पर हमले कर रहे हैं ! नई लड़कियों के साथ बलात्कार कर रहे हैं ! पिछले साल इन लोगों ने फिर से तीन गावों को जला दिया ! जब स्वामी अग्निवेश इन जले हुए गाँव वालों के लिये राहत सामग्री लेकर दंतेवाड़ा पहुँचे तो इसी विजय के नेतृत्व में विशेष पुलिस अधिकारियों के दल ने स्वामी अग्निवेश के दल पर हमला किया ! बाकी के बलात्कारी भी थाने में ही रहते हैं और नियमित सरकारी वेतन लेते हैं !लेकिन सरकार इन्हें कोर्ट में फरार बताती है !
मैं नहीं जानता सीता और उसकी तीनो सहेलियां अब किस हाल में हैं !
पर इस लड़ाई में सीता नहीं हारी बल्कि इस देश के लोकतंत्र ने सीता के सामने दम तोड़ दिया है !






4 comments:

  1. Sir no doubt thus is ridiculous..suggest us how we can help them and support...and it has become necessary to draw line exactly who are Naxalites ?...Maosists or the Police deployed there.

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  2. Sir, kindly tell me the Hindi font that is being used for this blog.

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  3. bahut sharmanaak shasan prashasan ka yahi ravaiya logon ko bagee bana raha hai

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  4. How long will this last.this country has sold is soul to materalistic middle class

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