Monday, July 16, 2012

"सोनिया"



सोनिया से मिलने से पहले मैं भी सरकार का पसंदीदा एन जी ओ था . जज साहेबान , कलेक्टर साहब , एस पी साहब , और मंत्री महोदय हमारे बच्चों के जन्म दिन में भी हमारे घर आया करते थे . हर सरकारी समिती में मैं सदस्य नियुक्त होता था .

लेकिन सोनिया से मिलने के बाद मेरे जीवन की दिशा बदल गयी . सोनिया पर सरकारी फ़ोर्स के अत्याचार की कहानी सुनने के बाद मैंने अपनी पत्नी वीणा से पूछा कि क्या हमें सोनिया के मामले में हाथ डालना चाहिये ? क्योंकि इस मामले को उठाने के बाद सरकार हमारे पीछे पड़ जायेगी . इसके बाद हमारी संस्था बंद हो सकती है . अब तक हमारा जीवन आराम से कटा है लेकिन इस मामले में हाथ डालने के बाद हमें सडक पर आना पड़ सकता है !

वीणा ने कहा कि आप अपने को समाज सेवक कहते हैं ! लोग आपको गांधीवादी मानते हैं ! एक कमज़ोर लड़की आज आपसे मदद मांग रही है ! अगर आज आप मदद देने से पीछे हट जायेंगे तो इसके बाद शायद आप मेरी और अपनी नज़रों में भी गिर जायेंगे .

मैंने सोनिया के मामले को उठाने का फ़ैसला किया . सोनिया के साथ बातचीत को रिकार्ड किया गया . बातचीत की ये सीड़ी लेकर मैं और वीणा दिल्ली आये ! हमने इस सीड़ी को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष गिरिजा व्यास को दिया ! महिला आयोग ने कुछ नहीं किया ! उधर सोनिया को अधिकारियों ने मुंह खोलने के लिये डराना शुरू किया और उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी जाने लगीं .

इसके बाद सोनिया ने अपना मुंह खोलने के अपराध के लिये सरकार से माफी मांग कर अपनी नौकरी बचाई .
सोनिया को आज इंसाफ नहीं मिला .

 लेकिन इस घटना के बाद बस्तर के लोगों को ये पता चल गया कि हमारे यहाँ पुलिस के खिलाफ भी सुनवाई की जा सकती है ! इसके बाद अन्य आदिवासी भी अपनी तकलीफें लेकर हमारे पास आने लगे ! और हमारी संस्था एक एनजीओ से एक मानवाधिकार संगठन में बदल गई . जैसा कि अंदेशा था . इस सब से सरकार और पुलिस नाराज़ हो गयी और उसने हमारे आश्रम को बुलडोजर चला कर तोड़ दिया . कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया . अन्त में मुझे भी बस्तर छोड़ने के लिये विवश होना पड़ा .

प्रस्तुत है सोनिया की कहानी और उसके साथ की गयी बातचीत का वीडियो .

सोनिया मेरे पास आयी तो वह लंगड़ा रही थी ! उसके चेहरे पर गहरा दर्द साफ़ दिख रहा था. सोनिया को मैंने आठवीं कक्षा में पढाया था. पढ़ने के बाद सोनिया को अपने ही गाँव में आंगनबाडी कार्यकर्ता की नौकरी मिल गयी. सोनिया ने बताया कि ''कल मेरे गाँव में सरकारी फ़ोर्स वाले आये . उन्होंने मुझ से कहा पानी पिलाओ . मैंने पानी पिला दिया . फ़ोर्स वालों ने पूछा इस गाँव में नक्सली आते हैं क्या ? मैंने कहा कि हमने कभी नक्सलियों को अपने गाँव में नहीं देखा . फ़ोर्स वाले आगे गये और एक शराब के नशे में धूत्त आदमी को पकड कर पीटने लगे और बोले कि बोल कि इस गाँव में नक्सली आते हैं  उसने पिटाई से घबरा कर कह दिया कि आते हैं साहब .

इसके बाद सारे फ़ोर्स वाले दौड कर सोनिया के घर में घुस गये . एक सिपाही ने एक मोटा डंडा लेकर सोनिया को पीटना शुरू किया ! कमजोर सी लड़की कितनी देर सहती ? वह बेहोश हो गयी ! एक सिपाही ने सोनिया के बालो में रस्सी बांधी . और रस्से का दूसरा छोर अपने पैर में बाँधा और सोनिया को गाँव की गलियों में घसीटते हुए सरपच के घर तक ले गये .

सोनिया को गाँव के पन्द्रह और मर्दों के साथ बरसते पानी में कीचड में ज़मीन पर लिटा दिया गया . इसके बाद कुछ सिपाही इन लोगों के ऊपर कूदने लगे . इसके बाद इन लोगों के हाथ पीछे बाँध कर नज़दीक के रेलवे स्टेशन तक ले जाया गया . स्टेशन पर सिपाहियों का सोनिया से अभद्र व्यवहार लगातार जारी था . मालगाड़ी आने पर सोनिया को सिपाहियों द्वारा बकरी की तरह उठा कर मालगाड़ी के खाली डिब्बे में फेंक दिया गया . दूसरे मर्दों को भी ऐसे ही मालगाड़ी में डाल दिया गया . कुछ देर के बाद आगे थाने वाले गाँव के स्टेशन पर इन सभी को मालगाड़ी के डिब्बे से पत्थर के प्लेटफार्म पर फेंक दिया गया ! सोनिया को रात भर थाने के एक ही कमरे में पन्द्रह मर्दों के साथ बंद कर रखा गया .

थाने में सिपाही सोनिया को " बसंती नाच कर दिखा "जैसी फब्तियां कसते रहे . अगले दिन गाँव के बुज़ुर्ग थाने आये और माफी मांग कर सोनिया समेत सभी पन्द्रह लोगों को छुडा कर गाँव वापिस ले गये . इसके बाद सोनिया मेरे पास आयी

 कुछ दिन पहले मेरी बेटी ने मुझ से पूछा पापा अगर कोई पुलिस वाला मुझ पर हमला करे तो आप उसे मार दोगे ना ? मैंने कहा हां बेटा मैं उसे मार डालूँगा.

 पर सोनिया मेरी असली बेटी तो थी नहीं कि मैं उन पुलिस वालों को मार डालता .  इसलिये मैंने बस लिखा पढ़ी कर के अपने कर्तव्य की इतिश्री मान ली .

सोनिया को तो कभी न्याय की उम्मीद भी नहीं थी इसलिये उसे शायद इतना दुख ना हुआ हो .लेकिन हमने इस देश के लोक तन्त्र से बहुत उम्मीदें लगा रखी थीं इसलिये जब भी हमें सोनिया की याद आती है बहुत गुस्सा आता है  .

http://youtu.be/Yu8kfdVi7BI

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