Tuesday, March 13, 2012

सी बी आई ने छतीसगढ़ के एस पी ओ से अपनी रक्षा करने की गुहार की

छत्तीसगढ़ में माइनिंग माफिया के लिए आदिवासियों की जमीन खाली कराने के लिए  छत्तीसगढ़ सरकार ने एक गैरकानूनी सेना तैयार की है!इस सेना को एस पी ओ कहा जाता है ! इस सेना ने पिछले महीने भारत की सरकारी फ़ोर्स सी आर पी ऍफ़ पर हमला किया ! सी आर पी ऍफ़ को आत्मरक्षा में एस पी ओ की इस सेना के खिलाफ हैण्ड ग्रेनेड और गोलियों का प्रयोग करना पड़ा है !इस का खुलासा सर्वोच्च न्यायालय में सी बी आई द्वारा दिए गए आवेदन में हुआ है !सी बी आई ने सर्वोच्च न्यायालय में छत्तीसगढ़ के एस पी ओ की गैरकानूनी सेना से अपनी रक्षा की व्यवस्था करने की मांग की है !( सी बी आई का वह शपथ पत्र नीचे दिया जा रहा है)   इस हमले में छत्तीसगढ़ की माइनिंग माफिया की सेना (पुराना नाम एस पी ओ , नया नाम छत्तीसगढ़ अक्सिलारी फ़ोर्स ) को छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने हथियार और पैसा मुहैय्या करवाया है ! सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार को यह सब करने के लिए लताड़ लगाईं ! लेकिन वहाँ की भाजपा सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय की आँख में धुल झोंक दी है और एस पी ओ का नाम बदल कर छत्तीसगढ़ अक्सिलारी फ़ोर्स रख दिया है  !
   एस पी ओ की सेना ने मार्च २०११ में  दंतेवाडा के तीन आदिवासी गाँव को जलाया ! सर्वोच्च न्यायालय ने जांच का आदेश दिया ! नौ  फरवरी २०१२ को जांच के लिए दिल्ली से गयी, सी बी आई टीम को, दोरनापाल में,  इन एस पी ओ/ छत्तीसगढ़ अक्सिलारी फ़ोर्स  की सेना ने घेर लिया ! पुलिस ने सी बी आई की टीम की जान बचाने के लिए, सी बी आई के अफसरों को एक कमरे में बंद कर  दिया ! एस पी ओ /छत्तीसगढ़ अक्सिलारी फ़ोर्स ने कमरे को घेर लिया ! एस पी और पुलिस ने जब सी बी आई के अफसरों को बचाने की कोशिश करी तो एस पी ओ / छत्तीसगढ़ अक्सिलारी फ़ोर्स ने पुलिस के एस पी को पीटा ! फिर सी आर पी ऍफ़ ने आकर सी बी आई की टीम की जान बचाई और कमरे से निकाल कर  सी आर पी ऍफ़ की बैरक में ले गयी ! एस पी ओ / छत्तीसगढ़ अक्सिलारी फ़ोर्स ने फिर चारों तरफ से सी आर पी ऍफ़ की बैरक पर फाइरिंग शुरू कर दी ! सी आर पी ऍफ़ ने फिर पलट कर इन एस पी ओ /छत्तीसगढ़ अक्सिलारी फ़ोर्स को भगाने  के लिए बम और गोलियों का इस्तेमाल किया  !
अब सी बी आई ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा है की वह आदिवासियों के गाँव जलने के मामले की जांच के लिए तब तक छत्तीसगढ़ जाने में भय महसूस करती है जब तक सी बी आई की रक्षा इन एस पी ओ से करने की कोई व्यवस्था नहीं की जाती !















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